Lyrics

ये मेरे सामने क्या हो रहा है, चारों तरफ़ है ये नीला
नीली है धरती, नीला है अंबर, मोर मुकुट भी है नीला।
तेरे दीवाने तुझे घेरे हुए हैं,
तेरे ही प्यार में खींचे चले हैं
बीच में तू और ऐसा नज़ारा, करे ब्रह्मांड उजाला
ये कैसा सुख है, जो तन मन को, डूबा रहा है मेरा।।
तेरे ये दो नयन प्यार का सागर,
इनके चमक से, चमके दिवाकर
चंदन तिलक और गले में सुंदर फूलों की माला
आँखो के रस्ते, मन को भिगो दे, ऐसा नज़ारा है तेरा।।
ये मेरे सामने, कौन खड़ा है, चेहरा है जिनका सुनहरा
कानो के कुंडल, मत्स्य के रूप में, सुनहरी रंग में सजा।
मुस्काते गाल तेरे नीलम से चमके,
सुंदर बासुरी लाल होंठों को छूती
ये कैसी धुन है, जो पुरे जग को, देती है शीतल छाया
मेरे भी मन को, शीतल कर दो, ऐसी मधुर है ये माया।।
ये मेरे सामने, कैसा उजाला, चारों तरफ़ है ये फैला
कौस्तुभ मणि और फूलों की माला ने, सारे जगत को है घेरा।
वो पीले वस्त्र तेरे कंचन से चमके
सुंदर पादुका तेरी आखों को रमते
तेरे चरण दो, भक्तों के मन को, अद्भुत रस में भिगाये
ऐसा आशीष दो, तन मन मेरा, तेरे शरण में बिताये।।
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
ॐ नमो कृष्णाय
ॐ नमो माधवाय
ॐ नमो पद्मनाभाय
Written by: Priyanka Vikram
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