Lyrics

गुरु पद्मनाभन गुरु पद्मनाभन
माधव ने भेजा जिनको गुरु पद्मनाभन ।
ज्ञान के सागर ममता के गागर
भक्तों के जीवन में तुम दिवाकर ।
नित दिन जो तुम्हे मन में ध्याये
फिर संकट उसे छूके दिखाए ।
गुरु पद्मनाभन गुरु पद्मनाभन
माधव ने भेजा जिनको गुरु पद्मनाभन ।
भक्ति देते, शक्ति देते
जीवन माया से मुक्ति देते ।
जब भक्तों के पाप सताये
खुद ढाल बनकर सामने वो आये ।
गुरु पद्मनाभन गुरु पद्मनाभन
माधव ने भेजा जिनको गुरु पद्मनाभन ।
ज्ञान का दीपक मन में जलाते
सेवा मार्ग से पुण्य कराते ।
जब कर्म पथ पर ठोकर खाये
हाथ पकड़ वो खींच ले जाए ।
गुरु पद्मनाभन गुरु पद्मनाभन
माधव ने भेजा जिनको गुरु पद्मनाभन ।
सत्य दया और धर्म की प्रतिष्ठा
भगवत गीता जिनके कर्म में दिखता ।
मूल सूत्र ये है उनका जीवन
परोपकारार्थं इदं शरीरम् ।
गुरु पद्मनाभन गुरु पद्मनाभन
माधव ने भेजा जिनको गुरु पद्मनाभन ।
भक्तों के पाप हरे, गुरु पद्मनाभन ।
ज्ञान के सागर है वो , गुरु पद्मनाभन ।
प्यार से सबको रंगदे, गुरु पद्मनाभन ।
बिन मांगे सब कुछ दे दे, गुरु पद्मनाभन ।
माधव ने भेजा जिनको गुरु पद्मनाभन ।
Written by: Priyanka Vikram
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