Lyrics

ऐसा भाग दिया है रब ने, गुरु के चरणों में स्थान मिला
आसरा हो जब गुरु का, गम के साये में क्यों बैठा ।।
ऐसा भाग दिया है रब ने …
जब रात गहरी हो गयी, और डर का साया बढ़ गया
रास्ते सब खो गए, और मन निराशा में डूब चला।
हे प्रभु तब आपने, मन उजाला कर दिया,
हाथ थाम के आपने, हमको, किनारा कर दिया ।।
ऐसा भाग दिया है रब ने, गुरु के चरणों में स्थान मिला
आसरा हो जब गुरु का, गम के साये में क्यों बैठा।।
ऐसा भाग दिया है रब ने ….
जब नींद न हो रात में, और दिन में बादल घेर ले
कदम रखने को डर लगे, और मन कोई जवाब न दे।
हे प्रभु तब आपने, मन उजाला कर दिया,
हाथ थाम के आपने, हमको, किनारा कर दिया ।।
ऐसा भाग दिया है रब ने, गुरु के चरणों में स्थान मिला
आसरा हो जब गुरु का, गम के साये में क्यों बैठा ।।
ऐसा भाग दिया है रब ने …
जब भाग्य मुँह मोड़ ले, और रिश्ता कोई साथ न हो
कर्म कोई फल न दे, और मन में कोई आस न हो।
हे प्रभु तब आपने, मन उजाला कर दिया,
हाथ थाम के आपने, हमको किनारा कर दिया ।।
ऐसा भाग दिया है रब ने, गुरु के चरणों में स्थान मिला
आसरा हो जब गुरु का, गम के साये में क्यों बैठा ।।
ऐसा भाग दिया है रब ने, गुरु के चरणों में स्थान मिला
आसरा हो जब गुरु का, गम के साये में क्यों बैठा ।।
गम के साये में क्यों बैठा ।।
Written by: Priyanka Vikram
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