Lyrics

ये आरजू थी तुझे गुल के रूबरू करते
ये आरजू थी
ये आरजू थी
तुझे गुल के रूबरू करते
हम ओर बुलबुले बेताब गुफ्तगू करते
ये आरजू थी तुझे गुल के रूबरू करते
के आरजू थी
पयामबर ना मयस्सर हुआ तो
खूब हुआ पयामबर पयामबर ना मयस्सर हुआ तो
खूब हुआ जबान-गैर से क्या आशरहे आरज़ू करते जबान-गैर से क्या
आशरहे आरज़ू करते
ये आरजू थी
मेरी तरह से माह
मेहर भी है आवारा
मेरी तरह से मेरी तरह से माह
मेहर भी है आवारा
किसी हबीब की ये भी
है जुस्तुजू करते
किसी हबीब की ये भी
है जुस्तुजू करते
ये आरजू थी
तुझे गुल के रूबरू करते
ये आरजू थी
जो देखते तेरी
ज़ंजीर-ए-ज़ुल्फ़ का आलम
जो देखते तेरी
जो देखते तेरी
ज़ंजीर-ए-ज़ुल्फ़ का आलम
असीर होने की आजाद
आरजू करते
असीर होने की आजाद
आरजू करते
ये आरजू थी
वो जानेजा नहीं आता
तो मौत ही आती
वो जानेजा
वो जानेजा
जानेजा नहीं
जानेजा नहीं
वो जानेजा नहीं आता
तो मौत ही आती
दिल-ओ-जीगर को
कहा तक लहू लहू करते
दिल-ओ-जीगर को
कहा तक लहू लहू करते
ये आरजू थी
तुझे गुल के रूबरू करते
के आरजू थी
ना पूछ आलम-ए-बर्दाश्ता
तालई आतिश
ना पूछ आलम-ए-बर्दाश्ता
तालई आतिश
बरसती आग जो
बारा की आरजू करते
बरसती आग जो
बारा की आरजू करते
ये आरजू थी
तुझे गुल के रूबरू करते
हम ओर बुलबुले
बेताब गुफ्तगू करते
ये आरजू थी
तुझे गुल के रूबरू करते
के आरजू थी
Written by: Khwaja Haider Ali Aatish
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