Lyrics

चल उड़ जा रे पंछी चल उड़ जा रे पंछी कि अब ये देस हुआ बेगाना चल उड़ जा रे पंछी भूल जा अब वो मस्त हवा, वो उड़ना डाली-डाली भूल जा अब वो मस्त हवा, वो उड़ना डाली-डाली जग की आँख का काँटा बन गई, चाल तेरी मतवाली कौन भला उस बाग़ को पूछे... कौन भला उस बाग़ को पूछे हो ना जिसका माली? तेरी क़िस्मत में लिखा है जीते-जी मर जाना चल उड़ जा रे पंछी कि अब ये देस हुआ बेगाना चल उड़ जा रे पंछी रोते हैं वो पंख पखेरू, साथ तेरे जो खेलें रोते हैं वो पंख पखेरू, साथ तेरे जो खेलें जिनके साथ लगाए तूने अरमानों के मेले भीगी अखियों से ही उनकी आज दुआएँ ले-ले किसको पता अब इस नगरी में कब हो तेरा आना चल उड़ जा रे पंछी कि अब ये देस हुआ बेगाना चल उड़ जा रे पंछी
Writer(s): Rajinder Krishan, Chitragupta Lyrics powered by www.musixmatch.com
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