Credits
AUSFÜHRENDE KÜNSTLER:INNEN
Sunidhi Chauhan
Künstler:in
Akshay Kumar
Schauspieler:in
KOMPOSITION UND LIEDTEXT
Shankar-Ehsaan-Loy
Komponist:in
Varun Grover
Texte
Lyrics
हरि-हरि, हर-हर, हरि-हरि, हर-हर
हरि-हरि, हर-हर, हरि-हरि, हर-हर
हरि-हरि, हर-हर, हरि-हरि, हर-हर
हरि-हरि, हर-हर, हरि-हरि, हर-हर
हरि-हरि, हर-हर, हरि-हरि, हर-हर
तेरे प्रेम की बरखा ने, सुन, पिया रे
ऐसा ये मुझको कवच दिया रे
इस राह पे कण-कण, कण-कण, कण गई मैं
काँधे पे जोग का धनुष उठाके सीधी तन गई मैं
योद्धा बण गई मैं
हर साँस में आग का रंग मिला के तन, मन, धन गई मैं
योद्धा बण गई मैं
अब मन ये हुआ है धूनी और आँगन है रणभूमि
अब काल भी आँख में आँख ना डाले, ऐसी ठन गई मैं
योद्धा बण गई मैं, योद्धा बण गई मैं
योद्धा बण गई मैं, योद्धा बण गई मैं
योद्धा बण गई मैं, योद्धा बण गई मैं
योद्धा बण गई मैं
योद्धा बण गई मैं, योद्धा बण गई मैं
ओ, योद्धा बण गई मैं, बन गई मैं
योद्धा बण गई मैं
योद्धा बण गई, बण गई, बण गई, बण गई मैं
योद्धा बण गई, बण गई
योद्धा, योद्धा, योद्धा बण गई, बण, बण गई मैं
बण गई, बण गई, बण गई, बण गई
योद्धा बण गई मैं
हरि-हरि, हर-हर, हरि-हरि, हर-हर
हरि-हरि, हर-हर, हरि-हरि, हर-हर
के कई जोगी सब माया है
झूठी बैरी ये काया है
जो मान रहे तो प्राण रहे
सूरज है तो ही छाया है
अब आँधी हो या बवंडर करना है पार समंदर
हाँ, शंख की नाद पे रास रचा के ऐसी सन गई मैं
योद्धा बण गई मैं, योद्धा बण गई मैं
योद्धा बण गई मैं, योद्धा बण गई मैं
हरि-हरि, हर-हर, हरि-हरि, हर-हर
हरि-हरि, हर-हर, हरि-हरि, हर-हर
हरि-हरि, हर-हर, हरि-हरि, हर-हर
हरि-हरि, हर-हर, हरि-हरि, हर-हर
योद्धा बण गई मैं
Written by: Shankar-Ehsaan-Loy, Varun Grover