Songteksten

नहीं देखा कभी पहले
कभी पहले नहीं देखा
ये फूल है किन गुलज़ारों का?
मैं आशिक़ हूँ बहारों का
मैं आशिक़ हूँ बहारों का
नहीं देखा कभी पहले
कभी पहले नहीं देखा
ये फूल है किन गुलज़ारों का?
मैं आशिक़ हूँ बहारों का
मैं आशिक़ हूँ बहारों का
मैं आशिक़ हूँ बहारों का
मुझे जो पसंद हो, मैं छोड़ता नहीं
पर डरो मत, फूलों को मैं तोड़ता नहीं
मुझे जो पसंद हो, मैं छोड़ता नहीं
पर डरो मत, फूलों को मैं तोड़ता नहीं
मुझको ख़बर है कि तुम सी
नाज़ुक कलियाँ छूने से शरमा जाती हैं
ये है आदत मेरी बिना मतलब के
ये नज़रें किसी चेहरे पे यूँ ही रुक जाती हैं
यूँ ही रुक जाती हैं
नहीं दिल में कुछ मेरे
मुझे शौक़ है सिर्फ़ नज़ारों का
मैं आशिक़ हूँ बहारों का
मैं आशिक़ हूँ बहारों का
तुम से हसीनों की हो ख़ाक क़दर
हम लोग रंग-रूप को ना देखें अगर
तुम से हसीनों की हो ख़ाक क़दर
हम लोग रंग-रूप को ना देखें अगर
जिसकी तरफ़ कोई देखता नहीं
पूछो उस से कितनी तकलीफ़ होती है
जल जाता है वो दिल ही दिल में
जब सामने उनके औरों की तारीफ़ होती है
तारीफ़ होती है
तो लट उलझी सुलझा दूँ
मतलब है ये मेरे इशारों का
मैं आशिक़ हूँ बहारों का
मैं आशिक़ हूँ बहारों का
नहीं देखा कभी पहले
कभी पहले नहीं देखा
ये फूल है किन गुलज़ारों का?
मैं आशिक़ हूँ बहारों का
मैं आशिक़ हूँ बहारों का
मैं आशिक़ हूँ बहारों का
Written by: Anand Bakshi, Laxmikant-Pyarelal
instagramSharePathic_arrow_out